G For Gujarat
Thursday, April 16, 2009
बीत चली है रात...
अब क्या देखें राह तुम्हारी
बीत चली हैं रात
छोडो
छोडो गम की बात
थम गए आंसू
थक गई अंखियां
गुजर गई बरसात
बीत चली है रात
फैज अहमद 'फैज'
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