दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है
हम हैं मुश्ताक और वह बेजार
या-इलाही, यह माजरा क्या है
मैं भी मुंह में जबान रखता हूं
काश, पूछो कि मुद्आ क्या है
जबकि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद
फिर यह हंगामा, ए खुदा क्या है
यह परी-चेहरा लोग कैसे हैं
गमजा-ओ-इशवा-ओ-अदा क्या है
शिकन-ए-जुल्फ-ए-अंबारी क्यों है
निगहे-चश्म-ए-सुरमा सा क्या है
सब्जा-ओ-गुल कहां से आए हैं
अब्र क्या चीज है, हवा क्या है
हमको उनसे, वफा की है उम्मीद
जो नहीं जानते, वफा क्या है
हां भला कर, तेरा भला होगा
और दरवेश की सदा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूं
मैं नहीं जानता, दुआ क्या है
मैंने माना कि कुछ नहीं 'गालिब'
मुफ्त हाथ आए तो बुरा क्या है
मिर्जा गालिब
1 comment:
Keyurbhai Galib to che j pan Mariz saheb ne muko to vanchva ni maza aavse
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