Saturday, October 1, 2011

अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ....


वृक्ष हों भले खडे,
हों घने, हों बडे,
एक पत्र छांह भी
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुडेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

यह महान द्रश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेत, रक्त से,
लथपथ, लथपथ, लथपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

हरिवंशराय बच्चन

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